नई दिल्ली । सिंगापुर के डीबीएस बैंक ने सोमवार को कहा कि वर्ष की दूसरी तिमाही में भारत की आर्थिक वृद्धि धीमी रहने की उम्मीद है। डीबीएस ने अपनी दैनिक आर्थिक रिपोर्ट में कहा कि रियल जीडीपी दूसरे क्वाटर में पहले क्वाटर के पांच फीसदी से कम 4.3 प्रतिशत रहने की संभावना है।
डीबीएस ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि महत्वपूर्ण खपत क्षेत्र में कमजोरी और निजी क्षेत्र की गतिविधि में फिलहाल विस्तार न किए जाने की संभावना इसकी मुख्य वजह है। रिपोर्ट के अनुसार नई परियोजनाओं की घोषणा की रफ्तार कई साल के निम्न स्तर पर पहुंच गई है। दूसरी तरफ मध्यवर्ती और पूंजीगत सामानों, टिकाऊ उपभोक्ता क्षेत्र की कमजोर मांग की वजह से उत्पादन की रफ्तार भी धीमी पड़ी है। हालांकि व्यापार की यदि बात की जाये तो निर्यात की सुस्ती के साथ गैर-तेल और गैर- स्वर्ण आयात की गिरावट से संतुलन बना रह सकता है। जुलाई-सितम्बर तिमाही के जीडीपी वृद्धि के आंकड़े इसी सप्ताह जारी होने हैं।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की सर्वेक्षण रिपोर्टों में आय और रोजगार की स्थिति को लेकर उपभोक्ता धारणा में गिरावट का रुख परिलक्षित होता है। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर संग्रह भी मांग में कमी को दर्शाते हैं। बैंकों और गैर-बैंकिंग क्षेत्र में रिण वृद्धि भी पहले के मुकाबले धीमी पड़ी है। बैंकों ने कर्ज देने के मामले में छानबीन और दस्तावेजों की पड़ताल में सख्ती बरतनी शुरू की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि स्थिति में संतुलन लाने के प्रयासस्वरूप वर्ष के शुरुआती महीनों में आम चुनाव की वजह से खर्च आवंटन धीमा रहने के बाद अब वित्तीय खर्च में तेजी आ सकती है। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार आगामी 29 नवम्बर को सितम्बर तक की जीडीपी के आंकड़े जारी करेगी।
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